Live Streaming of Aditya L1 Launching today
Image Credit : ISRO, INDIA |
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भारतीय आदित्य L1 मिशन क्या है?
आदित्य-एल1 मिशन एक भारतीय अंतरिक्ष मिशन है जिसे सूर्य का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे आदित्य-1 मिशन के नाम से भी जाना जाता है। इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी परत, जिसे सौर कोरोना के नाम से जाना जाता है, का निरीक्षण करना और सौर ज्वालाओं सहित सौर गतिविधि के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना है, जो पृथ्वी के अंतरिक्ष पर्यावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
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यहां आदित्य-एल1 मिशन के कुछ प्रमुख उद्देश्य हैं:
सौर कोरोना का अध्ययन: मिशन का उद्देश्य सौर कोरोना के गुणों और गतिशीलता को समझना है, विशेष रूप से सौर न्यूनतम और अधिकतम चरणों के दौरान। इससे वैज्ञानिकों को सूर्य के बाहरी वातावरण के व्यवहार के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी।
सौर चुंबकीय गतिविधि: आदित्य-एल1 सौर गतिविधि में भिन्नता के कारणों की जांच करेगा, जैसे कि सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र, जो सौर ज्वाला और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) जैसी घटनाओं को जन्म दे सकता है। ये घटनाएँ अंतरिक्ष के मौसम और पृथ्वी पर संचार प्रणालियों को प्रभावित कर सकती हैं।
ऊर्जावान कण: मिशन उच्च ऊर्जा वाले सौर कणों और पृथ्वी के अंतरिक्ष पर्यावरण पर उनके प्रभाव की भी निगरानी करेगा। यह अंतरिक्ष के मौसम और उपग्रहों और अंतरिक्ष यान पर इसके प्रभाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
सौर पवन: आदित्य-एल1 सौर वायु के गुणों का अध्ययन करेगा, जो सूर्य से निकलने वाले आवेशित कणों की एक धारा है। अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान के लिए सौर हवा को समझना आवश्यक है।
सौर ज्वालाएँ: मिशन सौर ज्वालाओं का अध्ययन करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो सूर्य से ऊर्जा और विकिरण का अचानक विस्फोट है। सौर ज्वालाएँ पृथ्वी पर संचार और नेविगेशन प्रणालियों को बाधित कर सकती हैं।
आदित्य-एल1 मिशन पर नवीनतम अपडेट के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) Website Visit करें
ISRO (INDIAN SPACE RESEARCH ORGANISATION)