SHRI MAHAVEER GUDDU JI : महाबीर गुड्डू जी ने हरियाणवी Culture स्वीकार्यता और इसके रागनी आधारित ज्ञान को विश्व भर में चमकाया है, हरियाणा की संस्कृति को देश-विदेश में पहचान दिलाने वाले कलाकारों की लिस्ट में महाबीर गुड्डू जी का नाम सबसे अग्रिम पंक्ति में आता है। उन्होंने शिव गायन और बम लहरी को पहली बार कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में मंच पर जगह दी। यही नहीं, हरियाणवी Culture Symbol “धोती-कुर्ता” में सोलो डांस को मंच पर हर जगह पहचान दिलायी।

Current Position: हरियाणा के सुप्रसिद्ध कलाकार Shri Mahaveer Guddu जी को हरियाणा कला परिषद हिसार मंडल के अतिरिक्त निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है
INTRODUCTION : हिसार division के मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर के Additional director नियुक्त हुए Shri Mahaveer Guddu Ji से हमारी Team ने विस्तार से बातचीत की। गुड्डू जी कहते हैं कि उन्हें मंच पर perform करते हुए पूरे 50 साल हो चुके हैं। इस दौरान उन्होने हरियाणवी संस्कृति को आगे बढ़ाने में बहुत काम किया। शिव गायन को साधु संत गाते थे। उन्होंने धोती, कुर्ता व खंडका पहनकर मंच पर शिव गायन किया।
इसी तरह बम लहरी को जंगम जोगी गलियों व मेलों में गाते थे। मैं अपना सौभाग्य मानता हूं कि भगवान के आदेश पर उसे मंच पर जगह दी। बम लहरी को हरियाणा ही नहीं, देश-विदेश में अलग पहचान दिलाई। नाहर सिंह की वीर गाथा को सैकड़ों बार मंचों पर गाकर युवाओं में देशभक्ति का जोश भरा। घोड़ा नाच भी विलुप्त हो चुका था। राजस्थान में यह चलन में है। साथी कलाकार जगबीर राठी के साथ मिलकर घोड़ा नाच को नया आयाम दिया। अब हर यूथ फेस्टिवल के मंचों पर घोड़ा नाच की धूम रहती है।
गुड्डू बताते हैं कि पहले कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में लड़के दामण पहनकर यूथ फेस्टिवल में डांस करते थे। पहली बार उन्होंने धोती-कुर्ता पहनकर मर्दाना डांस की शुरुआत की और नई पहचान दिलाई। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अनूप लाठर के साथ मिलकर हरियाणवी आर्केस्ट्रा को मंच दिया। इसके देश-विदेश में सैकड़ों शो किए, जिनमें सभी कलाकार गांव के होते थे। गुड्डू कहते हैं कि हरियाणा की कला-संस्कृति बहुत समृद्ध है और ज्ञान का संगम है। कला-संस्कृति से जो व्यक्ति दिल से जुड़ जाता है, वह कभी बुरे कर्म नहीं करेगा। हमारे बुजुर्ग रागनियों व सांग सुनते थे, इसलिए उनमें आपसी प्यार, भाईचार, ईमानदारी, सात्विकता, सत्यता थी। अब की युवा पीढ़ी बेहूदे गाने सुनती है, इसलिए उनमें संस्कारों की कमी हो गई है। जैसा हम सुनते व देखते हैं, वैसा ही हम कर्म करते हैं। इसलिए मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर में एडिशनल डायरेक्टर की जिम्मेदारी को दिल से निभाउंगा। लोगों के बीच अच्छे कार्यक्रम लेकर आएंगे। कलाकारों व कला परिषद के बीच की मजबूत कड़ी बनूंगा।
AWARDS/देश-विदेश में मिला सम्मान
जींद जिले के गांव गांगोली निवासी महाबीर गुड्डू बताते हैं कि उन्होंने नाहर सिंह की वीर गाथा के अलावा पंडित लख्मीचंद, चौ. देवीलाल, चौ. रणबीर सिंह, चौ. छोटूराम की जीवन गाथा भी गाई है। बूढ़े सबके होते हैं। 1998 में वह अमेरिका गए। इस दौरान न्यूयॉर्क व न्यूजर्सी में कई हरियाणवी कार्यक्रम पेश किए। लंदन में दो बार गया और हरियाणा गौरव मिला। लंदन से इंडियन हाई कमीशन ने 21 अगस्त 2016 को प्रशंसा पत्र भेजा। हरियाणा सरकार ने 2010 में पंडित लख्मीचंद राज्य पुरस्कार और 2014 में हरियाणा कला रत्न पुरस्कार मिला। वर्ष 2019 में शिक्षा विभाग ने पंडित लख्मीचंद शिक्षा एवं संस्कृति पुरस्कार राज्यपाल के हाथों दिलवाया। मार्च 1980 में उनकी अगुआई में जींद कॉलेज का डांस नेशनल लेवल पर प्रथम आया। जयपुर में पनिहारिन-80 ऑल इंडिया यूथ फेस्टिवल पहले नंबर पर रहा।
CURRENT POSITION : प्रदेश की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने हेतु हरियाणा कला परिषद के चार मंडल बनाए गए, जिसमें कला क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति अतिरिक्त निदेशक के पद पर कार्य करते हुए कला और कलाकारों का संवर्धन व संरक्षण कर रहे हैं। इसी उद्देश्य के लिए हरियाणा के सुप्रसिद्ध कलाकार Shri Mahaveer Guddu जी को हरियाणा कला परिषद हिसार मंडल के अतिरिक्त निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है।
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महावीर गुड्डू ने किसान मेले में रंग जमाया || https://www.youtube.com/watch?v=CY20qwv2vVE
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